(१)
ठीक आदमी
यह जो ठीक दिखना चाहता है
इस आदमी की आदतों पर
थोड़ा गौर करना चाहिए
ठीक आदमी के कपड़े
हर समय इतने साफ़ और सलीकेदार नहीं होते
ठीक आदमी हमेशा नहीं रहते खुश
इतने सभ्य नहीं होते ठीक आदमी
न ही वे तयशुदा ढंग से मुस्कुराते हैं
हर तरफ़ से ठीक नहीं होते ठीक आदमी
ठीक आदमी से नहीं करते
इतने सारे लोग नमस्कार
इस ठीक आदमी कि
ठीक से होनी चाहिए पहचान
जब तक इसे कहते रहोगे ठीक
ठीक आदमी
नहीं होंगे ठीक।
(२)
घर
दादा ने पिता के कान में कहा-
'घर बनाओ'
रिटायर होने से पहले
जी.पी.ऍफ़. के दम पर
पिता ने देखा
घर बनाने का सपना
चूल्हा-चौका करती
घर को झींकती
बूढी हो गई माँ
घर के बारे में सोचती
पराये घरों को
चली गईं बहिनें
घर
जैसे एक काँटा था खजूर का
जो पीढी-दर-पीढी
सरकता रहा खाल में।